Fri 19 September 2025
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T3 ।। কবিতা পার্বণ ।। 26য় बैसाखी दास

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T3 ।। কবিতা পার্বণ ।। 26য় बैसाखी दास

मकार संक्रांति

आज का दिन है अति पावन मकर संक्रांति का है दिन आसमान का मौसम बदला बिखर गई चहुँओर पतंग। कितना अच्छा लगे अगर उड़े पतंग हमें लेकर नील गगन की मोर पतंग। आई लेकर नव विहान देखो प्यारी आई संक्रांति कृषक खिल उठे, महका जीवन, तिल की, गुड़ की ख़ुशबू से हुआ संचरित नव उत्साह, नवल सूर्य के जादू से। चालो आज सब खुशियां मनाते है और सब को बोलते है सुबह मकर सक्रांति।।
Admin

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